चंदौली के डीडीयू आरपीएफ के जवानों ने सीमांचल एक्प्रेस से 9 नाबालिक बच्चों को रेस्क्यू किया है। साथ ही जवानों ने दो ट्रेफिकर को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया।
रेलवे का ऑपरेशन आहट
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दरसअल, चंदौली के डीडीयू आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत के नेतृव में उप निरीक्षक अर्चना कुमारी मीना, निशांत कुमार, प्रधान आरक्षी आर0के0 सुब्रमण्यम, आरक्षी भूपेंद्र यादव तथा बचपन बचाओ आंदोलन टीम की चंदा गुप्ता द्वारा "ऑपरेशन आहट" के तहत गस्त करने के साथ चेकिंग भी की जा रही थी। इस दौरान सीमांचल एक्सप्रेस, डीडीयू जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 06 पर पहुंची। चेकिंग के क्रम में जवानों ने ट्रेन के पीछे के तरफ सामान्य कोच में दो व्यक्तियों को अपने साथ 09 नाबालिक लड़को के साथ संदिग्ध हाल में देखा। जवानों ने दोनों व्यक्तियों से पूछताछ की तो वे, इधर-उधर की बात करने लगे। जिसके बाद जवानों ने दोनों व्यक्तियों समेत 9 बच्चों को ट्रेन से नीचे उतारा और उन्हें लेकर डीडीयू पोस्ट पहुंचे।
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बच्चों का किया काउंसिलिंग
आरपीएफ द्वारा बच्चों का काउंसिलिंग किया गया तो पता चला कि दोनों व्यक्तियों का नाम छेदी सदा और छोटू है जो कि बिहार के रहने वाले है। पूछताछ ने व्यक्तियों ने बताया कि वे सभी बच्चों को दिल्ली में स्थित लक्ष्मी ट्वायज कंपनी में खिलौने बनाने के लिए के जा रहें थे। जहां सुबह 8 बजे से लेकर रात को 8 बजे तक बच्चों को काम करना था। काम के लिए सभी बच्चों को प्रति माह 6 हज़ार रुपये मजदूरी के रूप में दी जानी थी। उक्त व्यक्तियों ने बताया कि बच्चों के परिजन को 1000 से 1500 रुपया तक एडवांस दिया गया है।
दो ट्रेफिकरों के विरुद्ध कार्यवाही
आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि मामले में चाइल्ड ट्रैफिकिंग का अपराध पाया गया। सभी नाबालिग बच्चों को सुरक्षित रेलवे चाइल्ड हेल्प लाइन को सुपुर्द किया गया। उन्होंने बताया कि अग्रिम विधिक कार्यवाही के लिए उक्त दोनों अभियुक्त छेदी सदा व छोटू को शिकायत पत्र के साथ स्थानीय थाना कोतवाली मुगलसराय को सौंपा गया। जहां पर अभियुक्तों के विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।
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